शुक्रवार, मार्च 06, 2009

पाकिस्तानी क्रिकेट बोर्ड पर हमला .........

तीन मार्चा का दिन क्रिकेट के इतिहास में काले अक्षरों में लिखा जाऐगा। खासकर जब पाकिस्तान में क्रिकेट होने की चर्चा होगी तो जरूर क्रिकेट प्रेमी एक बार सोचने पर मजबूर हो जाएगे। इसी तारिख को श्रीलंकन क्रिकेट टीम पर पाकिस्तान के लाहौर में गद्दाफी स्टेडियम के बाहर आतंकवादियों ने हमला किया था। जिसमें समरविरा, संगकारा आ मेंडिस सहित छह खिलाड़ी घायल होय गये। साथ ही श्रीलंका के सहायक कोच को भी गंभीर चोटें आई। इसके अलावा सात पुलिसकर्मी भी मारे गये। इस घटना के बाद पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड एक ऐसे मोड़ पर आ खड़ा हो गया है, जहां से उसे दूर दूर तक अंधेरा दिखाई पड़ रही है। इस हमले के बाद सब से अधिक पाक क्रिकेट बोर्ड को नुक्सान हुआ है। पाकिस्तान पर न सिर्फ अलग थलग पड़ने का खतरा बढ़ गया है बल्कि वर्ड कप 2011 की मेजबानी पर भी प्रश्न चिह्न लग गया है। वैसे भी पिछले दो तीन सोलों से पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड बहुत अच्छे हालात से नहीं गुजर रहा है। इंग्लैण्ड में मैच को बीच मैदान में छोड़कर बाहर हुई पाकिस्तानी टीम, कोच बॉव वुल्मर की हत्या में हुई किड़कीड़ी से उबर भी नहीं पाई थी कि शोएब अख्तर आ मो. आसिफ के मामलो को लेकर अंत:कलह में फंस गई। टीम की कमान युवा ऑल राउण्डर शोएब मलिक के हाथों में सौंपा गया, जो कि एक विफल कप्तान के तौर पर सामने आये। फिर जैसे तैसे युनुस खान को टीम की बागडोर सौंप कर सही रास्ते पर लाने की कोशिश की शुरूआत हुई। उधर क्रिकेट टीम के साथ साथ पाकिस्तान की आंतरिक स्थिति भी बदलती चली गई। देश में बढ़ते आतंकी संगठनो के उपर से सरकार की पकड़ ढ़ीली पड़ती गई। पाकिस्तान में बढ़ते आतंकी घटनाओ का परिणा यह हुआ कि कोई भी टीम पाकिस्तान जा कर खेलना नहीं चाहती है। करीब डेढ़ साल बाद श्रीलंकन क्रिकेट टीम टेस्ट मैच खेलने के लिए पाकिस्तान गया थ। इससे पहले, इंग्लैण्ड, आस्ट्रेलिया और यहां तक कि मुम्बई हमले के बाद भारत ने भी पाक दौर करने से इनकार कर दिया। तमाम दौर रद्द होने से भारी आर्थिक नुक्सान झेल रही पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड श्रीलंकन क्रिकेट बोर्ड को इस शर्त पर मनाया कि उसके खिलाड़ियों को राष्ट्राध्यक्ष की भांति चाक चौबंद सुरक्षा मुहैया कराई जाऐगी। जिसके बाद श्रीलंकन टीम पाकिस्तान पहुंची। लेकिन अंतत: वही हुआ, जिसकी आशंका से दुनिया की तमाम क्रिकेट टीम पाकिस्तान जाने से मना कर चुका था। बुड़े वक्त से गुजर रहे पाकिस्तान क्रिकेट वोर्ड पर आतंकियों की नज़र पड़ गई।अब इस हमले के मद्दे नजर एक लंबे समय तक कोई भी टीम पाकिस्तान नहीं आ पायेगी। ऐसे में दो विकल्प बचेगा। या तो किसी तटस्थ स्थानों पर मैच आयोजित किया जाय या फिर पाक टीम सिर्फ विदेशी दौरा करे। ऐसे में सीध प्रभाव पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड पर पड़ेगा। उसका आय का रुाोत कम हो जायेगा आ उसे भारी आर्थिक क्षति होगी।

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