सोमवार, अप्रैल 30, 2012

वो...

दुआ में, आरजू में 
हवा में , खुशबू में
लफ्जों में, अरजों में
सर्द में, बरसात में
धूप में, छांव में
प्यार के हर मौसम में
हसीन ख्वाबों में
सांसों में, अहसासों में
दिल में, धड़कन में
रगो में दौड़ते 
लहु के कण कण में 
घाव में, जख्म में 
दर्द में, मरहम में
खुशी में, गम में
फुर्सत के क्षण में 
सिर्फ उनकी याद आती है....

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