रविवार, मई 09, 2010

मदर्स डे........

तेरे दामन में चांद हैं
तो होंगे ऐ फलक,
मुझको मेरी मां की
मैली ओढ़नी अच्छी लगती है ।।

अभी ज़िंदा है मेरी मां,
मुझको कुछ भी नहीं होगा,
मैं जब घर से निकलता हूं
दुआ भी साथ चलती है।।
                                 मुनव्वर राणा

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