बुधवार, जून 03, 2009

मीरा बनी स्पीकर


सासाराम संसदीय क्षेत्र से सांसद बनी मीरा कुमार आज लोकसभा स्पीकर बन गई हैं। लोकसभा अध्यक्ष के पद पर आसीन होने वाली वह पहली महिला हैं। 64 वर्षीय मीरा कुमार को निर्विरोध रूप से चुना गया है। संसद की बैठक में यूपीए अध्यक्षा सोनिया गांधी ने कुमार के नाम का प्रस्ताव किया अkSर नेता प्रतिपक्ष लालकृष्ण आडवाणी ने उनके नाम का समर्थन किया। लोकसभा के नेता प्रणव मुखर्जी की अगूवाई में यूपीए के प्रतिनिधिमंडल ने एक दिन पहले लोकसभा सेक्रेटरी पीडीटी आचारी के समक्ष नामांकन प़त्र दाखिल किया था।
मीरा कुमार को राजनीति विरासत में मिली है। कुमार देष के पूर्व उपप्रधानमंत्री और दलित नेता जगजीवन राम की बेटी हैं। उनको कांग्रेस हमेषा से एक दलित नेता के रूप सामने लाती रही है। कांग्रेस अपने संगठन में जिन चार नेताओं को दलित के नुमाइंदे के रूप में सामने लाती है, उसमें सुषील कुमार सिंदे, कुमारी शैलजा, कृष्णा तिरथ के साथ मीरा कुमार का नाम आता है। मीरा कुमार को लोकसभा अध्यक्ष बना कर कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी ने एक तीर से दो निषान कर लिए हैं। पहली बात तो किसी उच्च संवैधानिक पद पर महिला को आसीन करा कर महिलाओं का दिल जीत ली है, वहीं मायावती और रामविलास पासवान को करारा जवाब दिया है, जो अपने को दलितों का मसीहा मानते हैं।
31 मार्च 1945 में पटना में जन्मी मीरा कुमार ने दिल्ली विष्वविधालय से अंग्रेजी भाषा में एमए और फिर एलएलबी की डिग्री हासिल की थी। मीरा कुमार ने मंजुल कुमार नामक व्यक्ति से शादी की, जो सुप्रीम कोर्ट के एक जानेमाने वकील हैं।

मीरा कुमार 1973 में भारतीय विदेष सेवा में शामिल हुई। वह स्पेन, यूनाइटेड किंगडम और माॅरिसस के राजदूतावास में काम की। मीरा लंदन में भारतीय हाई कमीषनर रह चुकी हैं। 1985 में नौकरी छोड़कर मीरा कुमार ने राजनीति में प्रवेष किया और उसी साल बिजनौर से लोकसभा के लिए चुनी गई। वह ग्यारहवीं और बारहवीं लोक सभा के लिए करोलबाग संसदीय क्षेत्र से चुनी गई, लेकिन 1999 में हार गई। फिर 2004 में वह अपने पिता के संसदीय क्षेत्र सासाराम से चुनाव लड़ी, जिसमें उन्हें रिकाॅर्ड मतों से जीत हासिल हुइ। जब 2004 में केन्द्र में कांग्रेस के नेतृत्व में यूपीए की सरकार बनी तो मीरा कुमार को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री बनाया गया। मीरा कुमार इस बार भी सासाराम से ही चुनाव जीती और उन्हें केन्द्रीय जल संसाधन मंत्रालय की जिम्मेवारी सौंपी गई, लेकिन एक बड़ी राजनीतिक चाल के तहत मीरा कुमार को लोकसभा के अध्यक्ष पद के लिए नमित किया गया और वह निर्विरोध चुन ली गई। इस तरह देष के पहली महिला स्पीकर के साथ-साथ कुमार देष का पहला दलित स्पीकर भी बन गई।
मीरा कुमार सामाजिक मामलों में भी आगे बढ़कर बोलती रही है। 2007 में जब अर्जुन सिंह ने ओबीसी को आरक्षण देने की बात कही थी तो मीरा ने उनका भरपूर समर्थन किया था। मीरा कुमार की हमेषा से मांग रही है कि अंतरजातीय विवाह करने वाले लोगों को पचास हजार रूपये देने के लिए कानून बनाया जाय। मीरा कुमार के बारे में दो खास बातें और भी है। पहली बात कि वह बतौर स्पोर्ट्समेन राइफल शुटिंग में मेडल जीत चुकी हैं। दूसरी बात यह कि वह एक कवियत्री भी हैं।
अपनी जिंदगी में कई महत्वपूर्ण फैसला कर चुकी मीरा कुमार अब नये रूप में सामने आई हैं। नये पद संभलने के बाद उनको नई चुनौतियों से भी सामना करना पड़ेगा। अब देखना होगा कि मीरा कुमार अपने पद की गरिमा को बनाये रखते हुए कितनी सफलता पूर्वक कार्यों को पूरा करती है।

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