आज वो फिर खुद से रूठ गई होगी
आज वो फिर कहीं तन्हा बैठी होगी
खाते वक्त हिचकियां आती है बहुत
वो दिल से मुझे याद कर रही होगी।
अरसे बीत गये उनसे मुलाकात हुए
प्यार से प्यार का दीदार हुए
आज भी इंतजार में बैठा हूं मैं
उसकी चाहत की दीया जलाये हुए ।
अपने घर से जब चली थी वो
आखिरी बार तब मिली थी वो
दिल में हमारी जज्बात दबाये हुए
मुझसे बिछड़ गयी थी वो ।
मुझसे दूर रहकर वो कितनी रोई होगी
टूटकर डाल से वो फूल मुरझा गयी होगी
आखिरी बार उसे देखने की हसरत
सालों बाद वो कैसी हो गयी होगी ।।