चुनाव की मेला में
भाषणों की बेला में
कई दिग्गजों की जुबान फिसल गये
हाथ कटा, रॉलर चले
खूब बोले बाहुबली
क्रुर बने मॉडल नेता
नेताजी बनाये गये नक्सली
अपने क्षेत्रों का ये विज्ञ
मानवता से अनिभिज्ञ
आदर्शवाद के नाम पर
विवेकहीनता दिखा गये
लोकतंत्र के लिए मरने वाले क्रांतिकारी
जब देखते होंगे मारामारी
कहते होंगे क्या कर रहा है
वोटों का ये भिखारी
और फिर सोचते होंगे
कहां हम दुस्सासनों के हाथ में
द्रौपदी का चीर देकर आ गये।।
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