मुंबई में हुए २६/११ हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच अचानक तनाव उत्पन्न हो गया। कारण जायज़ था। पाकिस्तानी दहशतगर्दों द्वारा किए गए विभित्सका साबित होने के बावजूद वंहा की सरकार इस बात को खारिज कर रही है कि उसके गुर्गों ने इस नृशंस कार्य को अंजाम दिया। पाकिस्तानी सरकार की अस्वीक्रीति के बाद युद्ध की अटकलें तेज़ हो गयी। एक तरफ भारत सरकार आतंकबाद को खत्म करने के लिए पाकिस्तान पर अंतर्राष्टीय दबाव बनने में जुटी है वन्ही दूसरी तरफ पाकिस्तानी सरकार युद्ध की तैयारी कर रही है । या सीधे तौर पर कहें की पाकिस्तान युद्ध के लिए तैयार है। अभी तक भारतीय पक्ष से एक भी बयान नही आया है कि हम युद्ध चाहतें है। या युद्ध किया जाएगा। परन्तु वहां की आला नेताओं हमेशा अपने बयानों में आक्रामकता दिखायी है। और कहा है किहम युद्ध के लिए तैयार है। ऐसे में एक बात तो साफ सामने निकलकर सामने आती है कि भारत नहीं बल्कि पाकिस्तान भारत से युद्ध करना चाहता है। इस बात को साबित करनेके लिए एक नहीं कई पक्ष है ...
पहली बात वंहा के नेताओं ने आक्रामक बयान दिए है। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री हरेक दिन मीडिया के सामने बयां देते हैं कि हम माकूल जबाव देने के लिए तैयार हैविदेश मंत्री साहब चेतावनी भरे लहजे में कहतें है कि हम युद्ध के लिए तैयार है। और सब से उत्तेजक बयान तो पूर्व प्रधान मंत्री का भाई और पाकिस्तान के पंजाब प्रान्त के मुख्यमंत्री शाहबाज़ शरीफ का आता है। वह तो साफ तौर पर कहते है कि भारत इस लिए पाकिस्तान पर हमला करने से डर रहा है क्योंकि हमारे पास परमाणु हथियार है।
दूसरी बात बिना किसी सबूत के भारतीय विदेशमंत्री के नाम से फोन कॉल कि झूठी अफवाहें फैलाना। बाद में यह भी साबित हो गया कि पाकिस्तानी हूक्मरानो ने खुद टेलीफोन का नाटक किया था । इस बात को वंहा कि सरकार ने भी स्वीकार किया है। एक झूठी फ़ोन कॉल का हल्ला अचानक युद्ध की संभावनाओं को प्रसस्त कर दिया ।
तीसरी बात एक दिन पाकिस्तानी गृह मंत्रालय से बयान आता है कि तीन भारतीय वायुसेना की विमानों को पाकिस्तान सीमा के भीतर देखा गया है। पाकिस्तानी वायुसेना के प्रवक्ता ने चिल्ला चिल्लाकर अंतर्राष्टीय समुदाय को गुमराह करने की कोशिशें की। जाँच के बाद यह कारनामा भी झूठा साबित हुआ।
चौंथी बात, पाकिस्तानी गृह मंत्रालय के एक अधिकारी का बयान आता है कि लाहोर ब्लास्ट में भारतीयों का हाथ है। इस सिलसिले में एक भारतीय को हिरासत में भी लिया गया। संयोगवश पाकिस्तानी सरकार के मुंह पर उसका अपना ही पालतू कुत्ता ने तमाचा जर दिया। अंसार वा मोहाजिर न का आतंकी sangathan लाहोर धमाके की जिम्मेबारी लेकर दिखा दिया कि पाकिस्तानी सरकार युद्ध के लिए कितना उत्सुक है।
और अंत में पांचवां एवं सब से महत्वपूर्ण बात यह है कि एकाएक भारत से सेट पाकिस्तानी सरकार रेंज़र्स को हटाकर सेना कि गश्ती तेज़ कर दी गयी ।
उपरोक्त तमाम बातो से स्पष्ट होता है कि पाकिस्तान युद्ध के लिए कितना उत्तेजीत है। पर एक प्रश्न सामने आता है कि पाकिस्तान युद्ध क्यों चाहता है? जब कि वह बहूत अच्छी तरह जनता है कि आतंकवाद के नाम पर होनेवाले इस लडाई में कोई भी देश उसका साथ नही देगा। इसके अलावा पाकिस्तान तुलनात्मक दृष्टिकोण से भारत से हरेक क्षेत्र में पीछे है। भारत के पास करीब तीन सो अरब डॉलर जमा पूंजी है, जब कि पाकिस्तान के पास मात्र तीन अरब डॉलर है। भारत के पास तेरह लाख से अधिक सैनिक है , जब कि पाकिस्तान के पास इस का ठीक आधा है। कमोवेश यही स्थिति लड़ाकू पनडुब्बी , लड़ाकू विमान और अन्य हथियारों के मामले भी है। इतना कुछ जानने के बाद भी पाकिस्तान का मिजाज इतना गर्म क्यों है?
दरअसल पाकिस्तान में लोकतंत्र नाम मात्र का है। वंहा कि सरकार कठपुतली है। जिसे पाकिस्तानी सेना,आई एस आई और आतंक्वासी संगठन अपने इशारों पर नचाती है। मजबूरन सब सच्चाई जानने के बावजूद पाकिस्तानी सरकार आतंकियों को पकरने के वजय उस का साथ दे रही है। यदि वंहा का कोई नेता सच का साथ देने की हिम्मत भी करता है तो उसे चुप करा दिया जाता है। उदाहरण के लिए इस घटना के शुरू में जा पाकिस्तानी राष्ट्रपति आशिफ अली ज़रदारी ने भारत को सहयोग करने का दिलासा देते हुए आई एस आई प्रमुख को भारत भेजने की बात कही थी। उस के बाद उन के ऊपर इतना दवाब बनाया गया कि वे बिना किसी लिहाज़ के तुरत फुरत में अपना बयान बदल दिए । बाद में यही हल नवाज़ शरीफ साहाब का भी हुआ। अब तो सच्चाई उजागर करने वाले न्यूज़ चैनलों पर भी बन लगाने कि बात की जा रही है।
असल में पाकिस्तानी सेना, आई एस आई, और आतंकियों कि सोच है कि युद्ध कि उन्माद फैलाकर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का ध्यान आतंकी घटना से हटाकर युद्ध कि तरफ कर दिया जाए । जिससे उसे मजहब और मजबूरी के नाम पर सहानभूति और सहयोग मिल जाए।
इसलिए अब हम हिन्दुस्तानियों के लिए समय आ गया है कि पाकिस्तानियों कि हरेक करतूतों को ध्यान से देखकर उनकी हरेक मंसूबों पर पानी फेरते हुए ऐसा माकूल जवाब दिया जाए जिस से वे अपने बुने जाल में ख़ुद फँस जाए और फिर हमारी तरफ आँख उठाकर देखने की जुर्रत न करें .......
पहली बात वंहा के नेताओं ने आक्रामक बयान दिए है। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री हरेक दिन मीडिया के सामने बयां देते हैं कि हम माकूल जबाव देने के लिए तैयार हैविदेश मंत्री साहब चेतावनी भरे लहजे में कहतें है कि हम युद्ध के लिए तैयार है। और सब से उत्तेजक बयान तो पूर्व प्रधान मंत्री का भाई और पाकिस्तान के पंजाब प्रान्त के मुख्यमंत्री शाहबाज़ शरीफ का आता है। वह तो साफ तौर पर कहते है कि भारत इस लिए पाकिस्तान पर हमला करने से डर रहा है क्योंकि हमारे पास परमाणु हथियार है।
दूसरी बात बिना किसी सबूत के भारतीय विदेशमंत्री के नाम से फोन कॉल कि झूठी अफवाहें फैलाना। बाद में यह भी साबित हो गया कि पाकिस्तानी हूक्मरानो ने खुद टेलीफोन का नाटक किया था । इस बात को वंहा कि सरकार ने भी स्वीकार किया है। एक झूठी फ़ोन कॉल का हल्ला अचानक युद्ध की संभावनाओं को प्रसस्त कर दिया ।
तीसरी बात एक दिन पाकिस्तानी गृह मंत्रालय से बयान आता है कि तीन भारतीय वायुसेना की विमानों को पाकिस्तान सीमा के भीतर देखा गया है। पाकिस्तानी वायुसेना के प्रवक्ता ने चिल्ला चिल्लाकर अंतर्राष्टीय समुदाय को गुमराह करने की कोशिशें की। जाँच के बाद यह कारनामा भी झूठा साबित हुआ।
चौंथी बात, पाकिस्तानी गृह मंत्रालय के एक अधिकारी का बयान आता है कि लाहोर ब्लास्ट में भारतीयों का हाथ है। इस सिलसिले में एक भारतीय को हिरासत में भी लिया गया। संयोगवश पाकिस्तानी सरकार के मुंह पर उसका अपना ही पालतू कुत्ता ने तमाचा जर दिया। अंसार वा मोहाजिर न का आतंकी sangathan लाहोर धमाके की जिम्मेबारी लेकर दिखा दिया कि पाकिस्तानी सरकार युद्ध के लिए कितना उत्सुक है।
और अंत में पांचवां एवं सब से महत्वपूर्ण बात यह है कि एकाएक भारत से सेट पाकिस्तानी सरकार रेंज़र्स को हटाकर सेना कि गश्ती तेज़ कर दी गयी ।
उपरोक्त तमाम बातो से स्पष्ट होता है कि पाकिस्तान युद्ध के लिए कितना उत्तेजीत है। पर एक प्रश्न सामने आता है कि पाकिस्तान युद्ध क्यों चाहता है? जब कि वह बहूत अच्छी तरह जनता है कि आतंकवाद के नाम पर होनेवाले इस लडाई में कोई भी देश उसका साथ नही देगा। इसके अलावा पाकिस्तान तुलनात्मक दृष्टिकोण से भारत से हरेक क्षेत्र में पीछे है। भारत के पास करीब तीन सो अरब डॉलर जमा पूंजी है, जब कि पाकिस्तान के पास मात्र तीन अरब डॉलर है। भारत के पास तेरह लाख से अधिक सैनिक है , जब कि पाकिस्तान के पास इस का ठीक आधा है। कमोवेश यही स्थिति लड़ाकू पनडुब्बी , लड़ाकू विमान और अन्य हथियारों के मामले भी है। इतना कुछ जानने के बाद भी पाकिस्तान का मिजाज इतना गर्म क्यों है?
दरअसल पाकिस्तान में लोकतंत्र नाम मात्र का है। वंहा कि सरकार कठपुतली है। जिसे पाकिस्तानी सेना,आई एस आई और आतंक्वासी संगठन अपने इशारों पर नचाती है। मजबूरन सब सच्चाई जानने के बावजूद पाकिस्तानी सरकार आतंकियों को पकरने के वजय उस का साथ दे रही है। यदि वंहा का कोई नेता सच का साथ देने की हिम्मत भी करता है तो उसे चुप करा दिया जाता है। उदाहरण के लिए इस घटना के शुरू में जा पाकिस्तानी राष्ट्रपति आशिफ अली ज़रदारी ने भारत को सहयोग करने का दिलासा देते हुए आई एस आई प्रमुख को भारत भेजने की बात कही थी। उस के बाद उन के ऊपर इतना दवाब बनाया गया कि वे बिना किसी लिहाज़ के तुरत फुरत में अपना बयान बदल दिए । बाद में यही हल नवाज़ शरीफ साहाब का भी हुआ। अब तो सच्चाई उजागर करने वाले न्यूज़ चैनलों पर भी बन लगाने कि बात की जा रही है।
असल में पाकिस्तानी सेना, आई एस आई, और आतंकियों कि सोच है कि युद्ध कि उन्माद फैलाकर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का ध्यान आतंकी घटना से हटाकर युद्ध कि तरफ कर दिया जाए । जिससे उसे मजहब और मजबूरी के नाम पर सहानभूति और सहयोग मिल जाए।
इसलिए अब हम हिन्दुस्तानियों के लिए समय आ गया है कि पाकिस्तानियों कि हरेक करतूतों को ध्यान से देखकर उनकी हरेक मंसूबों पर पानी फेरते हुए ऐसा माकूल जवाब दिया जाए जिस से वे अपने बुने जाल में ख़ुद फँस जाए और फिर हमारी तरफ आँख उठाकर देखने की जुर्रत न करें .......
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