विश्व के प्रमुख संग्रहालयों में से एक पटना म्यूजियम में ऐतिहासिक धरोहरों का भंडार है। यहां विश्व की कई अदभुद कलाकृतियां रखी गई है। , पटना म्यूजियम में सदियों पुरानी अष्ठधातु और प्रस्तर की दुर्लभ मूर्तियां है। यहां पर पुराने जमाने की चीजें और कलाकृतियों का अच्छा-खासा संग्रह है। पटना म्यूजियम में लोहानीपुर से प्राप्त जैन तीर्थंकर की कलाकृति और मौर्यकालीन मूर्तियां रखी गई है, जो विश्व की दुलर्भ कलाकृति है। यहां मिट्टी की मूर्तियों का बहुत बड़ा भंडार है। पटना म्यूजियम में मौर्यकाल से लेकर पालकाल तक के अति दुर्लभ शिल्प कलाएं संग्रहित है। यहां पर नालंदा से प्राप्त धातु षिल्पकला की मूर्तियां अपने कालात्मक सौंदर्य के कारण विष्व की दुर्लभ कलाकृतियों में षुमार है। विश्व के अन्य देशों में जब कला या पुरातत्व सामग्रियों की पद्रर्शनी होती है तो पटना संग्रहालय की कलाकृतियों को भी शामिल किया जाता है। यही कारण है कि यहां पर देश-विदेश से पुरातत्वविद अनुसंधान करने के लिए आते रहते हैं। पटना म्यूजियम में इतने विश्वस्तरीय ऐतिहासिक धरोहर का रहने के बावजूद यहां पर विश्व मानक के अनुसार सुविधाएं नहीं है। दुर्लभ और पुरानी कलाकृतियां रहने के बावजूद इसको सही ढ़ंग से रखा नहीं गया है। म्यूजियम कैंपस में पीने के पानी और शौचालय की उचित व्यवस्था भी नहीं हैं, जिससे यहां घूमने के लिए आने वाले पर्यटकों को भारी परेशानी होती है। पटना म्यूजियम में रखे गये देश की इस ऐतिहासिक धरोहर को बचाने की आवश्यकता है। साथ ही जरूरत है सरकार की एक ऐसी पहल की , जिससे यहां आनेवाले पुरातत्वविद और पर्यटकों को परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े।
मंगलवार, जून 02, 2009
पटना म्यूजियम का हाल, बेहाल.......
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पढ़कर अच्छा लगा लेकिन पटना संग्रहालय की देखभाल सिर्फ सरकार की जिम्मेंवारी नहीं हैं ये आपकी भी जिम्मेंवारी है... चंद लाईन लिख क्या दिए सरकार को ही ललकार दिए....कुछ खुद भी करें
जवाब देंहटाएंअच्छा लिखा है आपने पर पटना संग्रहालय सिर्फ सरकार की ही नही आपकी भी धरोहर है और इसकी जिम्मेंवारी सिर्फ सरकार पर ही नहीं आप और हम पर भी है। असकी देखभाल सिर्फ सरकार को ही नहीं आप पर भी होनी चाहिए।
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