tag:blogger.com,1999:blog-4843116388937094328.post794902907557090148..comments2012-09-28T04:30:04.089-07:00Comments on एक: मर्ज बढ़ाने वाले मित्र Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/12747653331474533429noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-4843116388937094328.post-56273274254452364502010-09-24T20:15:40.043-07:002010-09-24T20:15:40.043-07:00हमने तो एक प्रतिज्ञा ले रखी है कि यदि किसी भी बीमा...हमने तो एक प्रतिज्ञा ले रखी है कि यदि किसी भी बीमार का हाल पूछने जाएंगे तो वहाँ पानी भी नहीं पीएंगे। जितना जल्दी हो सके वहाँ से वापस आएंगे। यदि किसी को हमारी आवश्यकता हो तो ड्यूटी भी निभाते है।अजित गुप्ता का कोनाhttps://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4843116388937094328.post-42516671820552332872010-09-24T18:25:11.743-07:002010-09-24T18:25:11.743-07:00सच कहा..अक्सर संवेदना जताने वालों से तकलीफ ही हो ज...सच कहा..अक्सर संवेदना जताने वालों से तकलीफ ही हो जाती है, कम से कम मरीज को, जिसे आराम की जरुरत ज्यादा होती है मगर साथी भी बेचारे क्या करें...ऐसे मौके पर न आयें तो भी बुरे बनें.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.com