सोमवार, अप्रैल 30, 2012

वो...

दुआ में, आरजू में 
हवा में , खुशबू में
लफ्जों में, अरजों में
सर्द में, बरसात में
धूप में, छांव में
प्यार के हर मौसम में
हसीन ख्वाबों में
सांसों में, अहसासों में
दिल में, धड़कन में
रगो में दौड़ते 
लहु के कण कण में 
घाव में, जख्म में 
दर्द में, मरहम में
खुशी में, गम में
फुर्सत के क्षण में 
सिर्फ उनकी याद आती है....

सोमवार, अप्रैल 23, 2012

सीडी ने सिंघवी को निकम्मा कर दिया...


सीडी । बड़ी बकवास चीज है । इसका अविष्कार जिसने किया । बहुत बुरा किया । ऊपर से सोशल नेटवर्किंग साइट । इसने तो और भी सत्यानाश कर दिया । कल तक नेताजी बड़े काम के थे । आज निकम्मा हो गये हैं । कोई काम नहीं बचा । न पार्टी के प्रवक्ता पद बचा । न ही ड्राफ्टिंग कमेटी का अध्यक्ष पद । कौन नहीं करता है ये सब काम । ज्यादातर नेता करते हैं । उन्होंने कर लिया तो क्या बुरा किया । इतने बड़े वकील हैं । वकालत करते- करते नेता बने । इतना बड़ा पद । रूतबा । पैसा । पावर । आखिर किस काम के । इतना भी नहीं कर सकते । 
   सबसे बुरा किया ड्राइवर ने । उसने क्यों किया स्टिंग ऑपरेशन । किया तो किया, उसे नेट पर क्यों डाला । कितना विश्वास था उसके ऊपर । पता नहीं कौन सी दुश्मनी निकाल ली । एक बार भी नहीं सोचा । बोलता तो उसके लिए भी कुछ कर देते । लेकिन । सब खत्म कर दिया । कहीं का नहीं छोड़ा । किस- किस को विश्वास दिलाएंगे नेता जी कि सीडी नकली है । सीडी के साथ छेड़छाड़ की गई है । जिधर जाते हैं सब वही पूछता है । नजर टेढ़ी कर देखता है । और फिर हंस देता है । 
        बेचारे । प्रेस कांफ्रेंस करने आते थे तो कितना स्मार्ट लगते थे । व्हाइट कुर्ता । चेहरे पर मुस्कान । चश्मा के नीचे से झांकती हुई आंखें । हंसते हुए जवाब देते थे । अब मीडिया से तौबा कर लिया है । नहीं आएंगे मीडिया के सामने । सही किया नेता जी ने । क्यों आएंगे । चैनल वाला सब  कुदेर कुदेर कर पूछेगा । क्या-क्या किया । कैसे किया । कैसा महसूस किया । अब आप क्या कहेंगे ।  वगैरह । वगैरह । सब से तौबा कर लिया । 

रविवार, अप्रैल 22, 2012

दीदी राज में रहना है तो.....



आप अपने मन पसंद न्यूज़ चैनल नहीं देख सकते । आप सरकारी नेताओं के खिलाफ नहीं बोल सकते । इन सब के लिए आप को सरकार का रूल रेग्यूलेशन फॉलो करना होगा । आपको सरकार के हिसाब से चलना होगा । नहीं तो पुलिस पकड़ कर ले जाएगी । आपके ऊपर मुकदमा भी हो सकता है । आप जेल भी जा सकते हैं । सो, संभल जाइये । कोई प्राइवेट न्यूज़ चैनल देखने से पहले अपने घर के चारों तरफ ताक झांक कर लीजिए । कहीं कोई सरकार का भेदिया देख तो नहीं रहा । नहीं तो मुश्किलें बढ़ जाएंगी । ऐसा नहीं है कि यहां प्रेस पर सेंसरशीप लगा है । दरअसल यहां दीदी का राज है । यहां वही होगा, जो दीदी चाहती हैं । या फिर दीदी को चाहनेवाले चाहते हैं । हालांकि आपके लिए  दीदी अपना चैनल खोलने वाली हैं । जिस पर दीदी दाहाड़ मारेंगी । सरकार का बखान होगा । अखबार भी निकेलगा । सुबह- सुबह हत्या, बलात्कार, लूट जैसी घटनाएं देखने या पढ़ने को नहीं मिलेंगी । दिनभर में कभी नहीं । रात में भी नहीं । जिस घोटाले या भ्रष्टाचार को लेकर आप दिन रात माथा पच्ची करते हैं, वैसा कुछ देखने सुनने को नहीं मिलेगा । बस सरकार के वादों को दोहराया जाएगा । दावों को डंके की चोट पर ठोका जाएगा । 
   कार्टून बनाने वाले या उसे पसंद करने वाले आप सबसे पहले सावधान हो जाइये । आपको तो बचाने के लिए भी कोई नहीं आयेगा ।  
          आप अपनी बेटी या बेटे की शादी वहां नहीं कर सकते, जाहां आप चाहते हैं । वहां करिये, जहां सरकार चहाती है । हां, एक शर्त पर हो शादी हो सकती है । कि लड़का या ल़ड़की सत्ता पार्टी की सदस्याता ग्रहण कर लें । नहीं तो मंडप से दुल्हे को लौटना पड़ सकता है । अविवाहित लड़के-लड़कियां पहले संभल जाएं ।  प्यार इश्क करने से पहले एक-दूसरे से पूछ लें कि वो किस पार्टी से ताल्लुक रखता है । नहीं तो शादी से पहले तलाक हो जाएगा । 
             दीदी राज में रहना है तो इन बातों को ध्यान में रखना होगा । हां गलती से  लोकतंत्र और राजतंत्र के सिद्धांत में मत उलझिएगा । वरना फालतू में ब्लड प्रेशर बढ़ जाएगा । बीमार पड़ जाएंगे । डॉक्टर और दवाइ  का खर्चा अलग से । सो सावधान रहें । सुरक्षित रहें । अपना ख्याल रखें । दीदी के फरमानों को नज़र अंदाज़ करने की ग़लती कतई ना करें । आपकी ज़िंदगी का सवाल है ।