शुक्रवार, जनवरी 13, 2012

सेना-सरकार आमने-सामने

सत्ता। सरकार। सेना। सियासत। सुप्रीम कोर्ट का शह। सेना और आईएसआई का गठजोड़। शह और मात का खेल। कुर्सी के लिए खिंचतान। राजनीतिक अस्थिरता। एकबार फिर तख्तापलट की आशंका। सैनिक शासन का डर। 64 साल का पाकिस्तान। 32 साल सेना का शासन। लोकशाही या सेनाशाही। संविधान पर सवाल। तीन बार तख्ता पलट। 6 जनरल का शासन। आर्मी की मनमानी। बेबस जनता। लाचार। विकल्पहीन। सबकुछ देख रही। सह रही है। राजनीतिक पार्टियां एक-दूसरे का पैर खिंच रही है। पावर पॉलिटिक्स में फंसा पाकिस्तान। भारत के लिए खतरे की घंटी। अयूब ख़ान- 1665 में पहला युद्धा। याहिया ख़ान- 1971 में दूसरा युद्ध। जिया-उल-हक़- भारत में आंतकी घुसपैठ की शुरुआत। परवेज मशर्रफ़- 1999 में कारगिल युद्ध। एकबार फिर बिखरता पड़ोसी। हो जाओ सचेत।